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दोस्त के साथ मिलकर उसकी बहन चोदी (Hindi sex stories from ONSporn)

Posted on June 20, 2022June 20, 2022 By No Comments on दोस्त के साथ मिलकर उसकी बहन चोदी (Hindi sex stories from ONSporn)
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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोनी है और में 24 साल का भोला भाला लड़का हूँ hindi sex stories from ONSporn और आज में आपको एक बहुत ही गरम और मस्त घटना सुनाने जा रहा हूँ जो कि मेरे हुई है. दोस्तों में पहली बार अपनी कहानी लिख रहा हूँ तो मेरे लिखने में कोई गड़बड़ी हुई तो मुझे माफ़ कर देना, लेकिन मुझे विश्वास है कि आपको मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आएगी.

दोस्तों यह घटना तब की है, जब में 18 साल का था और मेरा कज़िन सोनू भी 18 का ही था, लेकिन उसकी बड़ी बहन सुहाना हमसे एक साल बड़ी थी. शायद वो तब 19 साल की थी, लेकिन हम सब एक दूसरे को अपने नाम से ही बुलाते थे, जैसे कि हम सब एक ही उम्र के दोस्त है. में और सोनू एक दूसरे के बहुत ही करीब थे, बचपन में हम एक साथ बहुत खेलते थे.

सुहाना भी मुझे अपनी दीदी जैसे लगती थी और जब हम बड़े होने लगे, हमे धीरे धीरे सेक्स के बारे में पता लगने लगा, हम लड़कियों को देखने लगे. में और सोनू तो बहुत सीधे साधे थे, लेकिन हमारी क्लास के कुछ दोस्त बहुत हरामी थे, वो हमे बहुत कुछ सिखाते थे.

अब सुहाना भी बड़ी होने लगी थी और अब उसके शरीर का विकास भी साफ साफ दिखने लगा था, उसका चेहरा कोई हिरोइन की तरह बहुत सुंदर तो नहीं था, लेकिन उसके होंठ, गाल, आंखे देखकर तो किसी का भी मन उसको चूमने और एक बार चोदने का करे और उसका एकदम गोरा सफेद बदन और उभरती हुई जवानी जो भी उसे एक बार देखे तो उसका दीवाना हो जाए और उसकी सबसे खास बात यह थी कि उसके बूब्स कुछ ठीक आकार से बहुत बड़े थे और हमारे कुछ दोस्त भी उसके दूध के बारे में बहुत कुछ कहते थे, लेकिन में और सोनू सुहाना के बारे में एक दूसरे से ऐसी बातें कभी नहीं करते थे.

दोस्तों हम कंप्यूटर गेम्स बहुत खेलते थे तो एक बार क्या हुआ कि सोनू के पापा और मम्मी बाहर घूमने चले गये, यही कोई 10-12 दिन के लिए और उस समय गर्मी की छुट्टी चल रही थी. तो सोनू और सुहाना घर पर ही थी और फिर में वहाँ पर कभी गेम्स खेलने और कभी फिल्म देखने चला जाता था. फिर एक दो दिन तो ऐसे ही गेम्स और फिल्म में चले गए और फिर अगले दिन सुहाना बाज़ार सब्जी लेने जाने लगी, उसने नरम कपड़े वाली स्कर्ट पहनी हुई थी जो कि उसके घुटने तक आ रही थी और हम रूम में बैठकर फिल्म देख रहे थे. सुहाना दरवाजे तक गयी और कहा कि में सब्जी लेने बाज़ार जा रही हूँ और थोड़ी देर में आ जाउंगी हम लोग उसकी तरफ मुड़े और सर हिलाते हुए हाँ कहा.

तभी हमने देखा कि जैसे ही वो सेंडिल लगाने के लिए नीचे झुकी उसकी स्कर्ट का पीछे वाला भाग ऊपर होने लगा और उसकी जांघ के ऊपर का हिस्सा भी थोड़ा थोड़ा दिखने लगा और हम तो बस देखते ही रहे गए, वो कितना मोटा था और कितना सिल्की, नरम और गोरा था, लेकिन घुटने से जितना ऊपर नज़र बड़ाओ उतना गोरा होता जाता था. फिर उसने सेंडिल लगाया और दरवाजा बंद करके चली गयी, लेकिन हमारे लंड को एक अजीब सा दर्द दे गई और हम फिर से टीवी देखने लगे, लेकिन मुझसे अब रहा नहीं गया और में बोला क्यों अच्छा नज़ारा था? तुझे कैसा लगा?

सोनू ने कुछ सेकेंड्स तक कुछ नहीं बोला और फिर सर हिलाते हुए धीरे से बोला कि अच्छा ही था. दोस्तों सोनू बाहर से भोला था, लेकिन अंदर से हम दोनों एक ही थे क्योंकि हम इंटरनेट पर सेक्स फिल्म भी देखते थे और बातें भी करते थे, लेकिन सुहाना की नहीं. तो मैंने फिर से कहा कि मेरा तो लंड एकदम खड़ा हो गया, क्यों तेरा कुछ नहीं हुआ क्या? तो उसने कहा कि हाँ खड़ा तो मेरा भी हो गया और हमारी नज़र अभी भी टीवी पर ही थी और में अब समझ चुका था कि हम अब सुहाना के बारें में कुछ भी बातें कर सकते है और बस एक बार स्टार्ट होने की देरी थी. hindi sex stories from ONSporn

में : क्यों तूने कभी मुठ मारी है उसको देखकर या याद करके?

सोनू : हाँ एक बार हालात की वजह से कंट्रोल नहीं कर सका और मारी थी, लेकिन बाद में अच्छा नहीं लगा.

में : वो ऐसे कैसे हालात थे जो तू कंट्रोल नहीं कर सका?

फिर मेरा लंड धीरे धीरे और भी मोटा हो रहा था और सोनू का चेहरा देखकर मुझे लग रहा था कि उसे यह बातें करने में रूचि है.

सोनू : बस एक दिन हम टीवी देख रहे थे और मुझे पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों सो गये थे और जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मेरा एक हाथ उसकी गांड के ऊपर था और उसने पतले कपड़े वाली सलवार कमीज़ पहनी हुई थी जिसकी वजह से मुझे उसकी पेंटी भी महसूस हो रही थी और पता नहीं क्यों में उसकी गांड के ऊपर थोड़ा सहलाते हुए उसे धीरे से मसलने लगा. तभी वो थोड़ी हिली और मैंने डर के मारे हाथ हटा दिया और फिर में बाथरूम में जाकर लंड को हिलाने लगा और उसके नाम की मुठ मारने लगा और में जल्दी ही झड़ गया, लेकिन बहुत ही मज़ा आया, लेकिन थोड़ी देर बार कुछ अच्छा नहीं लगा इसलिए मैंने उसके बारे में कभी भी फिर से कुछ नहीं सोचा.

दोस्तों में तो बस हैरान हो गया, मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था और सोनू भी थोड़ी लंबी लंबी साँसे ले रहा था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह कैसा अहसास है? वो हमारी दीदी थी, लेकिन ऐसा सोचने से हमे इतना सेक्स चढ़ रहा था जितना कभी पॉर्नफिल्म देखने पर भी नहीं होता था. तो मेरे दिमाग़ में कुछ शैतानी सुझाव आ रहे थे और में पढ़ने में ज़्यादा अच्छा नहीं था, लेकिन में औरतों के दिल को अच्छी तरह से जानता था कि कैसे किसको कब क्या कहना है? और मौके का फ़ायदा उठना, किसी से कुछ भी करवाना मुझे अच्छी तरह से आता था. फिर मैंने अपने आईडिया को हक़ीक़त बनाने के पहला कदम बड़ाया.

में : सोनू मुझे तो मुठ मारनी है पहले तू बाथरूम जाएगा या में जाऊँ?

सोनू : नहीं, पहले तू ही जा.

तो में उठा और कहा कि में तो सुहाना की गांड के बारे में सोचते हुए अपने लंड को सहलाऊँगा, तू भी उसके बारे में ही सोचना अगर बाद में अच्छा नहीं लगे तो मुझे कहना यह कहकर में मुठ मारने चला गया, लेकिन वो कुछ नहीं बोला में अंदर चला गया और मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया और जब मैंने आखें बंद की तो मुझे बस सुहाना ही नज़र आ रही थी. उसकी गोरी गोरी जांघे उसकी बड़ी सी गांड, में अपनी सोच में उसकी स्कर्ट को उठाकर उसकी पेंटी को नीचे करके उसकी गांड को धीरे धीरे मसल रहा था और मेरा दिल तो इतना ज़ोर से धड़क रहा था कि जैसे में अभी दौड़कर आया हूँ और मुझे झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी.

फिर में बाहर गया तो मैंने देखा कि सोनू दरवाजे के ठीक सामने ही खड़ा हुआ था और मेरे निकलते ही वो अंदर चला गया और हम मुठ मारने के बाद फिर से टीवी के सामने बैठे थे. हम दोनों ने थोड़ी देर तक कुछ नहीं कहा और मुझे पता था कि मेरे सुहाना के बारे में कहने से मुठ मारने के वक़्त उसने सिर्फ़ सुहाना के बारे में ही सोचा होगा और में प्लान को आगे बड़ाते हुए उससे बातें करने लगा.

में : तो क्या इस बार भी कुछ बुरा लग रहा है? (तो थोड़ी देर बाद वो बोला)

सोनू : नहीं इस बार तो ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा. hindi sex stories from ONSporn

में : सोनू सुहाना बहुत सुंदर और मस्त लड़की है, दीदी हुई तो क्या हुआ? उसकी भी गांड और बूब्स है, उसके गोरे और नरम बदन को देखकर कोई भी मुठ मार लेगा और मुझे तो जलन हो रही है कि तूने उसकी गांड को छुआ है, कितना मज़ा आया होगा?

सोनू : हाँ मज़ा तो बहुत आया था और में अभी भी मुठ मारते वक़्त वही सोच रहा था.

में : सोनू क्यों ना एक बार सुहाना की गांड को फिर से छुआ जाए? जब वो सो रही होगी.

तो सोनू मेरी तरफ देखते हुए उसके चहरे पर थोड़ा दर्र और थोड़ी कामुकता दोनों नज़र आ रहे थे और फिर वो बोला, लेकीन अगर उसको पता चल गया तो?

में : थोड़े से छूने से कुछ पता नहीं चलेगा, तुझे तो पता ही है कि वो कितने मज़े से सोती है. उसको उठाने के लिए कितना चिल्लाना पढ़ता है और तब भी वो नहीं उठती है.

सोनू : हाँ तेरी यह बात तो एकदम सही है, लेकिन मुझे ऐसा करने में बहुत डर लग रहा है.

में : तू डर मत कुछ नहीं होगा, बस एक बार उसकी गांड पर हाथ रख दे, फिर तू ऐसी सब बातें भूल जाएगा.

तो बस अब सुहाना के आने की ही देरी थी और हम टीवी देखने लगे, करीब आधे घंटे बाद सुहाना सब्जी लेकर वापस आ गई. तो में बाहर चला गया और रोमेंटिक और हिन्दी पुरानी फिल्म ले आया और रात के 8 बजे हमने खाना खा लिया और टीवी देखने लगे. सुहाना घर का सारा काम करती थी और मुझे पता था कि वो बहुत थकी हुई होगी, मैंने उससे कहा कि सुहाना तुम बहुत थकी हुई लग रही हो, तुम्हे मेरी बात माननी है तो पहले आराम से गरम पानी से नहा लो और फिर उसके बाद हम टीवी देखेंगे, उसे मेरा आइडिया अच्छा लगा और वो नहाने चली गयी. तो सोनू मुझे तिरछी नज़र से देख रहा था और में सिर्फ़ मुस्कुराया और नहाने के बाद वो बाहर आ गयी मैंने सुहाना को सोफे पर लेटकर आराम से फिल्म देखने को कहा और में, सोनू सोफे के थोड़े पास में बैठकर देखने लगे.

सुहाना अभी नहाकर आई थी इसलिए उसको बहुत आराम मिलने लगा और उसे धीरे धीरे नींद आ रही थी और वो सोने लगी, करीब एक घंटे के बाद में थोड़ी ऊँची आवाज़ में बोला, सुहाना फिल्म कैसी लग रही है? सोनू ने मेरी तरफ देखा और फिर सुहाना की तरफ, लेकिन सुहाना तो मस्त से सो रही थी, वो कुछ नहीं बोली और मैंने एक दो बार फिर पूछा और हर बार आवाज़ थोड़ा तेज करके बोला, लेकिन फिर भी सुहाना कुछ नहीं बोली और में समझ गया कि अब वो मस्त से गहरी नींद में सो रही है और गरम गरम पानी से नहाने की वजह से उसकी सारी थकान उतर गई है.

फिर में सुहाना की तरफ पूरा मुढ़ गया और उसे देखने लगा. सोनू भी मेरी तरफ देख रहा था, सुहाना पेट के बल सो रही थी और उसका सर टीवी की तरफ था और उसके बाल अभी भी गीले थे और शेम्पू की खुश्बू बहुत अच्छी आ रही थी. उसने एक ढीली ढाली टी-शर्ट पहनी हुई थी और वो गले की तरफ ज़्यादा खुली हुई थी, स्कर्ट अभी भी वही थी.

में उसके बहुत नज़दीक गया और उसे ऊपर से नीचे तक सूंघने लगा और सोनू आखें बड़ी बड़ी करके मुझे देख रहा था कि कैसे मेरा मुहं सुहाना के सर से होते हुए उसकी छाती, उसकी गांड, जांघ और उसके पैर तक गया. फिर उसके बाद में मैंने सर को ऊपर किया और एक लंबी साँस ली और में धीरे से बोला कि सोनू अब तेरी बारी, लेकिन सोनू कुछ नहीं बोला और उसने वही किया और अब मेरे सामने कुछ अजीब सा नज़ारा था, एक भाई अपनी दीदी को ऊपर से नीचे तक सूंघ रहा था और में बहुत ही गरम हो रहा था. फिर सोनू के सूंघने के बाद वो सर उठाकर बस सुहाना को देख रहा था, क्योंकि उसे आगे क्या करना है? कुछ पता नहीं था, लेकिन मुझे पता था कि अब क्या करना है? hindi sex stories from ONSporn

तो मैंने अपनी पेंट की चैन को खोला और अपने लंड को बाहर निकाल दिया, सोनू ने जब यह देखा तो वो एकदम से घबरा गया और टीवी की तरफ मुड़कर बोला कि यह तू क्या कर रहा है? अगर वो उठ गयी तो साफ साफ दिख जाएगा.

मैंने कहा कि अरे डर मत, अगर वो उठ गयी तो हम टीवी की तरफ मुड़ जाएँगे और कम्बल से अपना आधा शरीर ढक देंगे. सोनू ने थोड़ी देर सोचा और मेरी तरह सुहाना की तरफ मुड़कर उसने अपना भी लंड बाहर निकाल दिया. हमने एक दूसरे के लंड को सिर्फ़ पेशाब करते हुए या नहाते हुए ही देखा था, लेकिन यह पहली बार खुल्लम खुल्ला था, दोनों का लंड बाहर और बहुत तना हुआ था और अब में एक हाथ से लंड को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से सुहाना की पेंटी को धीरे धीरे ऊपर करने लगा और ऊपर करते हुए मुझे उसकी पेंटी का नीचे का भाग नज़र आया और फिर उसकी गांड जो पेंटी में लिपटी हुई थी और थोड़ी ऊपर करके मैंने उसकी स्कर्ट को छोड़ दिया, क्योंकि वो इससे ऊपर नहीं जा रही थी और में ज्यादा ज़ोर नहीं लगाना चाहता था.

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सोनू यह सब चुपचाप देख रहा था और अपने हाथ को लंड पर तेज़ी से ऊपर नीचे कर रहा था, थोड़ी देर तक में भी सुहाना की गांड को देखते हुए ज़ोर से लंड को दबा दबाकर सहलाने लगा और उसकी पेंटी की लाईट भूरे कलर की थी. में अपनी नाक को सीधा उसकी गांड के बीच (जहाँ पर उसकी गांड का छेद होता है) मैंने अपनी नाक को चिपका दिया और सूँघने लगा.

फिर मेरे बाद सोनू ने भी धीरे से यही किया, सोनू अब पहली बार नहीं डर रहा था और अब की बार मैंने अपने हाथ को सुहाना की गांड पर रखा और उसकी गांड के ऊपर घूमने लगा, में अपनी आखों को बंद करके उसकी गांड के पूरे आकार को महसूस करने लगा और मेरा दूसरा हाथ अभी भी मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था.

तभी मुझे मेरे सुहाना के ऊपर रखे हाथ पर कुछ महसूस हुआ और जब मैंने आखें खोलकर देखा कि सोनू भी सुहाना की गांड को छूना चाहता था. तो में मुस्कुराया और मैंने अपना हाथ सुहाना की गांड की एक तरफ ले लिया और सोनू दूसरी तरफ और अब हम दोनों एक हाथ सुहाना की गांड पर और दूसरा अपने लंड पर रख कर मज़े ले रहे थे और अब झड़ने का वक़्त हो गया.

दोस्तों मैंने देखा कि सोनू बहुत चिंतित हो रहा था कि वीर्य कहाँ निकालें? में झट से उठा और सुहाना की गांड से सोनू का हाथ हटा दिया और अपने लंड को गांड के नज़दीक ले जाकर एकदम से हिलाया और धीरे से लंड को सुहाना की गांड पर सटाकर झड़ने लगा और उसकी गांड पर मेरा वीर्य निकल गया और मैंने सोनू की तरफ देखकर उसको भी वही करने को कहा. तो सोनू की आंखे आश्चर्य चकित होने से बड़ी हो गई थी, लेकिन वो डरा नहीं और फिर सोनू ने भी वही किया और झड़ने के बाद वीर्य को सुहाना के गांड पर फैला दिया.

मैंने सुहाना की स्कर्ट को नीचे कर दिया और हम दोनों साफ होकर फिर से टीवी देखने लगे और करीब एक घंटे बाद सुहाना थोड़ा जागने लगी और मैंने इसी मौका का फ़ायदा उठाकर उसके सर को हिलाते हुए उससे कहा कि सुहाना अब उठ जाओ बहुत रात हो गई है और अब बिस्तर पर जाकर सो जाओ, तो सुहाना उठी और थोड़ी थोड़ी नींद में अपने कमरे के अंदर जाकर उसने दरवाजा बंद कर दिया. तो सोनू मेरी तरफ देख रहा था और उसके चहरे पर एक शैतान वाली मुस्कान थी और हम भी अपने कमरे में चले गये और फिर सो गये. तो जब सुबह हुई मेरी आंख खुली और में बिस्तर पर लेटते हुए आगे का प्लान बनाने लगा कि अब कैसे सुहाना को तैयार करके चोदना है? दोस्तों में ऐसे काम में बहुत माहिर था और मैंने झट से आगे का सारा प्लान मेरे दिमाग़ में बना लिया.

में : सोनू अब आज का प्लान सुनेगा? आज हम बहुत कुछ करेंगे.

सोनू : अब आगे क्या करना बाकी है? कल से ज़्यादा कुछ कर तो नहीं सकते ना, वर्ना उससे पता चल जाएगा.

में : मुझे पता था तू यही कहेगा, तू ज़रा सोच कि अगर कल में ना होता तो क्या तू वो सब कर सकता था? नहीं ना, मेरी बात मान और में जो कहता हूँ तू वही कर और देख कैसे सुहाना को पता चले बिना वो हमें सब कुछ करने देगी, सोनू का अंडरवियर का भाग पूरा फूल चुका था, उसका लंड मेरी बातें सुनकर और भी तन गया.

सोनू : क्या करना है?

में : आज हम सुहाना को देखेंगे, उसके बूब्स, उसकी गांड, उसकी चूत का हिस्सा चारों से तरफ देखेंगे. वो भी उसके सामने उसे भी पता चलना चाहिए कि हम उसे ऐसी नज़र से देख रहे है, लेकिन हमे ऐसा दिखना है कि हमे नहीं पता वो हमारी बुरी नज़र के बारे में जानती है और उसे शुरू में थोड़ा अलग लगेगा कि उसके भाई उसे ऐसे देख रहे है, लेकिन यह कोई नयी बात नहीं है. हम उसे पहले भी थोड़े थोड़े देखते थे, लेकिन उसे वो सब एक घटना जैसा दिखता था और हर लड़का ऐसा ही होता है यह बात उसे भी मालूम है. उसे बस अलग लगेगा कि आज हम बिना डर के उसे देख रहे है. hindi sex stories from ONSporn

सोनू : ठीक है में यह कर सकता हूँ, लेकिन इसके आगे क्या?

में : इसके आगे का काम तू मुझ पर छोड़ दे.

तो बस यहीं से हमारा प्लान शुरू हुआ..

दोस्तों हम सुहाना को बुरी नज़र से देख रहे थे, जब वो खाना बनती, इधर से उधर जाती, हर समय हम उसे घूर रहे थे और उसे यह सब मालूम था, क्योंकि पहले तो वो बहुत चकित दिख रही थी, लेकिन कुछ देर के बाद में धीरे धीरे ठीक होती गई और में उससे बहुत बातें कर रहा था, कभी उसे हंसाता, कभी चिढ़ता और उसे सब्जी काटने के बहाने से छूता और फिर मैंने सोनू को भी इसमें शामिल किया और आज दिनभर हम उसे बहुत इज्जत दे रहे थे, जैसे कि वो कोई रानी है और हम उसकी सुन्दरता की भी बहुत तारीफ करने लगे. जिससे वो एकदम शरमा जाती, हमने उससे ऐसी पहले कभी बात नहीं की थी, लेकिन अब सब ठीक हो रहा था और शाम के चार बज चुके थे.

हम अपने कमरे में गेम खेल रहे थे और तभी हमारे प्लान को आगे बड़ाने का वक़्त आया, मैंने दरवाजा को थोड़ा सा खोल रखा था और उस समय सुहाना किचन में थी और में इंतज़ार कर रहा था कि कब वो हमारे कमरे से होती हुई बाथरूम की तरफ जाए और उसके आने का एहसास होते ही में सोनू से बातें करने लगा. वैसे मैंने सोनू को पहले ही बताकर रखा था कि उसे क्या बोलना है? और इतनी ज़ोर से बोलना है कि जब सुहाना दरवाजे के करीब आए तो उसे बाहर से सब सुनाई दे.

में : लेकिन सोनू अब क्या करे वो बहुत सुंदर है और में तो अपने आपको कंट्रोल ही नहीं कर सकता, में जब उसे देखता हूँ तो वो एसी लगती है जैसे कि वो कोई अप्सरा है और अभी तक बाथरूम का दरवाजा नहीं खुला था. तो मुझे पक्का विश्वास था कि सुहाना दरवाजे के बाहर से यह सब सुन रही है.

सोनू : लेकिन वो तो दीदी है ना और हम उसके बारे में ऐसा कैसे सोच सकते है?

में : दीदी है तो क्या हुआ? प्यार तो किसी से भी हो सकता है और सुहाना को देखकर किसको प्यार ना आए? तूने कल देखा था ना जब वो सोफे पर सोई थी, कितनी मस्त सेक्सी लग रही थी, में तो वो नज़ारा अपनी आखों के सामने से हटा ही नहीं पा रहा हूँ.

सोनू : हाँ वो तो है मैंने उसे पहले कभी ऐसे नहीं देखा, लेकिन कल तो जैसे इस दुनिया में उसके बराबर कोई और लड़की ही नहीं, लेकिन तू जो कह रहा है वो नहीं हो सकता, वो हमारी दीदी है.

में : कुछ नहीं होगा, यह इस उम्र में सभी लड़को को होता है, ऐसे वक़्त में अपने आस पास की सुंदर लड़की से प्यार हो जाता है, चाहे वो अपनी दीदी ही क्यों ना हो? और कुछ सप्ताह के बाद यह सब पता चला जाएगा और आज जब वो सोएगी तो बस उसको यहाँ वहां छूना है और अगर मौका मिले तो थोड़ा देखना है और हम उसके बाद मुठ मारेंगे, उसे पता भी नहीं चलेगा और फिर कभी नहीं करेंगे और कुछ दिनों बाद हम दोनों को याद भी नहीं होगा.

तो सोनू मेरे कहने के मुताबिक थोड़ी देर चुप रहा और वो सोचने का नाटक कर रहा था, सुहाना भी यह सब बातें हमसे छुपा रही होगी और मुझे पक्का विश्वास था कि वो हमारी बात को समझ रही है.

सोनू : मुझे पता नहीं और अगर वो उठ गयी और उसे बुरा लगा तो वो मुझसे नाराज हो जाएगी और अगर ऐसा हुआ तो में अपने आपको ज़िंदगी भर माफ़ नहीं कर सकता क्योंकि वो मेरी दीदी है और में उसको बहुत प्यार करता हूँ, उसकी आवाज़ में थोड़ी सच्चाई थी और थोड़ा भारी पन और मुझे पता था कि अब तक यह सब सुनकर सुहाना की आखें गीली हो चुकी होगी.

में : हाँ मुझे अच्छी तरह से पता है कि सोनू और में भी यह सब नहीं चाहता, लेकिन अगर हमने यह आज नहीं किया तो हम ज़िंदगी भर उसके लिए तड़पते रहेंगे और इसलिए हमें इस किस्से को आज ही खत्म करना है. अगर सुहाना को पता होता तो वो भी यही चाहती, आख़िर हम उसके भाई है और वो भी हमे इस वक़्त में थोड़ी मदद करना तो ज़रूर चाहती होगी, आख़िर इसमे उसका जाता ही क्या है थोड़ा देखना और छूना, मेरी बात मान सोनू आज हम उसके सोने के बाद कर लेते है, उसको पता भी नहीं चलेगा और कल से सब एकदम ठीक हो जाएगा. दोस्तों इतना सब कुछ सुनने के बाद तो शायद ही कोई होगा जिसे मेरी बात ठीक ना लगे और फिर सोनू ने थोड़ा सोचने का नाटक किया और बोला. hindi sex stories from ONSporn

सोनू : ठीक है, लेकिन स्टार्ट तू करना में नहीं करूँगा.

में : अच्छा आज बहुत गर्मी है हम बनियान भी उतार देते है और सिर्फ अंडरवियर ही पहनते है और वैसे भी हम लड़के है सुहाना कुछ नहीं कहेगी, चल अब थोड़ी देर खेलते है, सुहाना किचन में होगी, उसका किचन का काम होने से पहले काम खत्म करते है.

तो उसके थोड़ी ही देर बाद बाथरूम का दरवाजा खुला, लेकिन थोड़ा ज़्यादा ही देर के बाद खुला और शायद मेरी कहानी सुनकर सुहाना को ज़रूर कुछ हुआ होगा. तो शाम को खाने से पहले में बाहर जाकर कुछ प्रेग्नेंट ना होने वाली दवाईयां ले आया क्योंकि मुझे पता था कि अब मेरा प्लान काम करेगा. तो शाम को खाने के समय में और सोनू सिर्फ़ अंडरवियर में थे, लेकिन सुहाना ने कुछ नहीं कहा, उसके चहरे पर शर्म दिख रही थी, लेकिन वो नॉर्मल दिखने का प्रयास कर रही थी और अब जबकि मुझे पता था कि सुहाना ने हमारी सब बात सुन ली है और समझ भी ली है तो में आग में तेल छिड़कने लगा. में सुहाना को खाना खिलाने में मदद करने लगा और अब में पहले से कुछ ज़्यादा छू रहा था और अगर उसने हमारी बात ना सुनी होती तो शायद माहोल कुछ और ही होता, लेकिन उसके चहरे पर बिल्कुल भी गुस्सा नहीं था..

अब मेरा लंड पूरा तना हुआ था और अंडरवियर के बाहर से साफ साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन मैंने उससे वैसे ही व्यहवार रखा और खाना खाने के बाद हम आज भी फिल्म देखने लगे ज़्यादा देर भी नहीं हुई करीब 8 बजे होंगे और मैंने अपना प्लान आगे बढ़ाया और सुहाना से कहा कि सुहाना तुम आज टीवी के सामने ही एक बिस्तर लगा लो, टीवी देखते हुए तुम आराम से सोना और अगर तुम सो भी जाओगी तो हम तुम्हे नहीं उठाएगे और बस टीवी बंद करके अपने रूम में चले जाएँगे और तुम यहीं पर आराम से सो जाना.

दोस्तों मेरी बात तो एकदम ठीक थी, लेकिन सुहाना समझ चुकी थी कि आज उसके साथ क्या होने वाला है और उसके भाई आज उसके बदन को छुयेगें, चूमेंगे और देखेंगे. मेरे प्लान में यह पहले से ही था कि उसको भी मालूम हो कि क्या हो रहा है और अब वो राज़ी हो गई, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसकी आज पूरी रात भर हर जगह चुदाई होगी.

सुहाना : ठीक है में भी थकी हुई हूँ, में आज आराम से सो जाउंगी, लेकिन मुझे बीच में जगाना मत.

तो बिस्तर मिलने के बाद सुहाना टीवी के ठीक आगे ज़मीन पर पड़े हुए बिस्तर पर लेटकर पेट के बल होकर टीवी देखने लगी, में और सोनू भी बिस्तर पर ही उसके दोनों साईड में बैठे थे और करीब आधे घंटे के बाद सुहाना ने पहली बार आंखे बंद की और उसने सर नीचे किया. मुझे पता था कि वो बस आखों को आराम करा रही है और उसे नींद इतनी जल्दी तो किसी भी हालत में नहीं आएगी, लेकिन मेरा प्लान तो यही था कि उसे भी मालूम हो कि उसके साथ क्या हो रहा है, लेकिन फिर भी उसे लगे कि हमे नहीं मालूम कि हमें सब कुछ पता है और मैंने झट से बोल दिया. hindi sex stories from ONSporn

में : सोनू वो सो गयी है देख तो कितनी थकी हुई थी कि इतनी जल्दी सो गई, ऐसे थकी हुई हालत में तो आदमी बहुत आराम से सोता है. अब तू कुछ भी कर, उसकी नींद नहीं खुलेगी.

तो मैंने कोने से छिपकर देखा कि सुहाना ने एक बार आखें झट से खोली. मेरी यह बात सुनकर फिर जल्दी से बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगी और बस में मुस्कुरा दिया और अब सोनू भी बहुत खुश था कि हमारा प्लान सही मोड़ पर जा रहा था.

सोनू : हाँ लग तो रहा है कि मस्त गहरी नींद में सोई है अब क्या करें?

में : चल अपना अंडरवियर उतार देते है और अगर उसे थोड़ा छूना है तो मज़े आराम से ही करें.

तो हमने अपना अपना अंडरवियर उतार दिया और साईड में रख दिया.

सोनू : लेकिन अब शुरू कहाँ से करें?

में : वैसे हमने आज तक किसी को किस भी नहीं किया, तो अब हम स्टार्ट वहीं से करते है, तू उस साईड होकर लेटम, में इस साईड लेट जाता हूँ.

तो पहले मैंने सुहाना को ऊपर की तरफ पलटा दिया और अब हो पीठ के बल लेटी हुई थी और उसके आगे का हिस्सा हमारे सामने था और फिर हम उसके साथ ही उसके साईड पर लेट गये, मेरा एक पैर उसके सीधे पैर पर था और एक हाथ उसके पेट पर था और दूसरी साईड पर सोनू का एक पैर उसके उल्टे पैर पर था और उसका एक हाथ मेरे हाथ से थोड़ा ठीक ऊपर उसके पेट पर था और हम दोनों का लंड सुहाना की कमर के साईड पर सटा हुआ था, वो क्या मस्त अहसास था? हमारा आधा बदन उसे दोनों साईड पर सटा हुआ था और मैंने एक बार सोनू की तरफ देखा और इशारा किया. फिर मैंने सीधे सुहाना के होंठ पर अपना होंठ रखा और अपनी जीभ और होंठो दोनों से उ

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